What is Sole Trade or Sole Proprietorship? Meaning and Defiinitions of Sole Trade. Explained in Hindi.
एकाकी व्यवसाय का अर्थ
(Meaning of Sole Trade)
अर्थ (Meaning)- एकल स्वामित्व वाला स्वरूप व्यवसायिक संगठन का वह स्वरूप है जिसका अध्यक्ष केवल एक व्यक्ति होता है, जिसे 'एकाकी व्यापार' (Sole Trader) कहते हैं। व्यापार का समस्त उत्तरदायित्व समस्त उत्तरदायित्व एक व्यक्ति के ही कन्धों पर होता है। असफल होने की दशा में व्यापार का सारा जोखिम भी उसे ही झेलना पड़ता है। एकाकी व्यपारी स्वंय ही व्यापार का स्वामी, उसका प्रबन्धक और कर्मचारी होता है। इन तथ्यों के आधार पर पिटसन और प्लाऊमैन द्वारा निकाला गया निष्कर्ष "एकल स्वामित्व का उसके स्वामी से कोई पृथक वैधानिक अस्तित्व नहीं है वह स्वंय में ही एक फर्म है" उचित है। एकाकी व्यापार को 'व्यक्तिगत साहसी' (Individual Entrepreneur), 'व्यक्तिगत स्वामी' (Individual Owner), 'व्यक्तिगत व्यवस्थापक' (Individual Organizer तथा 'एकल स्वमित्व, (Sole Proprietor) कहते हैं।
एकाकी व्यवसाय की परिभाषाएं
(Definitions of Sole Trade)
परिभाषाएं (Definitions)
1. चार्ल्स डब्ल्यू. गर्सटनबर्ग (Charles W. Gerstenberg) के अनुसार, " एकाकी व्यापार वह व्यवसायिक उपक्रम जिस पर एक व्यक्ति का स्वामित्व होता है और वही व्यक्ति उसका प्रबन्धक या मैनेजर होता है एवं समस्त व्यवसाय की आधारशिला वह स्वयं होता है।"
2. डाॅ. जाॅन. ए. शुबिन (Dr. John A. Shubin) के अनुसार, "एकाकी स्वामित्व वाले व्यवसाय के अन्तर्गत एक व्यक्ति ही समस्त व्यवसाय का संगठन करता है, वही उसका स्वामी होत् है तथा वह अपने निज के नाम से व्यवसाय का संचालन करता है।
3. शिल्ट तथा विल्सन के अनुसार, "ऐसा उपक्रम जिसका स्वामित्व एवं प्रबन्ध एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाता हो एकाकी व्यवसाय अथवा एकल स्वामित्व कहलाता है।"
4. किम्बाल एवं किम्बाल (Kimball and Kimball) के अनुसार, " एकल व्यापारी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित समस्त बातों का स्वयं निर्णायक होता है, केवल देश के सामान्य नियमों तथा उसके व्यवसाय पर प्रभाव डालने वाली विशिष्ट बातों को छोड़कर।"
5. एल. एच. हैने के अनुसार, " एकाकी व्यापार व्यवसायिक संगठन का वह स्वरूप है जिसका अध्यक्ष एक ही व्यक्ति होता है, जो औषके समस्त क्रियाकलापों के लिए उत्तरदायी होता है, उसकी क्रियाओं का संचालन करता है तथा लाभ-हानि का सम्पूर्ण भार स्वयं ही उठाता है।"
उदाहरण- एकाकी व्यवसाय के कुछ ज्वलन्त उदाहरण निम्नानुसार हैं- मिठाई वाला, चाट वाला, फेरी वाला, पान वाला, फुटकर विक्रेता, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, पंसारी, नाई, मोची, धोबी, कुम्हार, लुहार, बढ़ई, जुलाहा, चित्रकार, इत्यादि।
निष्कर्ष- उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन करने के बाद हम यह कह सकते हैं कि 'एकल स्वामित्व वह वयापार है जिसकी स्थापना एक वयक्ति के द्वारा ही होती है, जो उसका स्वामी होने के साथ-साथ प्रबंधक, संचालक एवं समस्त हानि-लाभ का उत्तरदायी होता है।
निष्कर्ष- उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन करने के बाद हम यह कह सकते हैं कि 'एकल स्वामित्व वह वयापार है जिसकी स्थापना एक वयक्ति के द्वारा ही होती है, जो उसका स्वामी होने के साथ-साथ प्रबंधक, संचालक एवं समस्त हानि-लाभ का उत्तरदायी होता है।
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